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रिपोर्ट-@अशोक कुमार यादव आज़मगढ़
यूपी के आजमगढ़ जिले के दीदारगंज थाना क्षेत्र के अरनौला गांव निवासी रतीलाल राजभर ने दीदारगंज पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि मेरे नाम की आबादी की विवादित जमीन पर मुकदमा चल रहा था, जिस पर आजमगढ़ न्यायालय ने हमारे पक्ष में फैसला सुनाया था, जिसके बाद हम एक महीने पहले अपनी जमीन पर कब्जा कर रहे थे तो विपक्षी लोग आकर रोक दिये।
मेरे हक़ में न्यायालय के फैसले को न मानते हुए 28 जून की सुबह को विपक्षी मेरे घर पर आकर मेरे पिता को बुरी तरह से मारपीट कर घायल कर दिए। बाद सूचना के बाद जब मैं अपने पिता को लेकर शिकायत करने के लिए दीदारगंज थाने पर पहुँचा तो थानाध्यक्ष दीदारगंज ने मेरे पिताजी को थाने में बैठा लिया और इसके बाद थानाध्यक्ष दीदारगंज पुलिस बल के साथ मेरे घर अरनौला पहुंचकर जेसीबी से गड्ढा खुदवा दिए और हमारे द्वारा दो साल पहले अपनी ही जमीन पर लगाया गया टीन सेड, को तोड़वाकर फेंक दिए। मुझ पीड़ित की मदद करने के बजाय विपक्षी लोगों के साथ मिलकर मुझे परेशान करने लगे। आखिर हम पूछना चाहते है थाना प्रभारी निरीक्षक से, की कब वो ज़मीनी मामले में शामिल होकर किसी के घर पर बुल्डोजर चलवाने लगे, बिना राजस्व विभाग के किसी आदेश के बावजूद ये कैसी कार्यवाही की गई, दीदारगंज पुलिस का ये कैसा न्याय है, क्या थाना प्रभारी न्यायालय के फैसले से ऊपर न्याय करते है ? इस कार्यशैली से दीदारगंज पुलिस पर कई सवाल उठते है,वहीं इस संबंध में जब थाना प्रभारी निरीक्षक अखिलेश कुमार से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि ग्राम समाज की जमीन कब्जा किया जा रहा था, जिस पर ये कार्यवाही की गई।
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