( पिलकिछा घाट का काल्पनिक तस्वीर ) |
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उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के खुटहन थाना क्षेत्र में स्थित पिलकिछा श्मशान घाट पर सोमवार की शाम एक ही चिता पर एक साथ दो शव जलता देख लोगों में कौतूहल का विषय बना रहा। घाट पर शव के दाह संस्कार में आये अन्य लोग एक दूसरे से जानकारी लेते रहे कि आखिर दोनों शवों को एक साथ ही क्यों जला रहे हैं। बताते चलें कि दोनों शव पिलकिछा गांव के ही रामापुर मजरा निवासी सगी जेठानी और देवरानी का था। दोनों के बीच अटूट प्रेम मरने तक बना रहा। चिता पर भी दोनों को एक साथ मुखाग्नि देकर स्वजनों ने भी उनके प्रेम को जीवन के अंतिम छड़ों में अमर कर दिया।
उक्त गांव निवासी निवासी 65 वर्षीया राजपति देवी पत्नी बिरेंद्र व 63 वर्षीया गुजराती देवी पत्नी राम किशोर दोनों सगी देवरानी व जेठानी थी। दोनों के बीच इतना प्रेम था कि जीवन पर्यंत आपस में कभी भी किसी बात को लेकर कहासुनी तक नहीं हुई थी। सोमवार की सुबह दोनों को सांस लेने में तकलीफ़ हुई तो स्वजन उन्हें एक निजी चिकित्सक के पास उपचार के लिए ले गए। जहां से दवा दिलवाकर दोनों को घर ले आए। थोड़ी देर बाद जेठानी ने दम तोड़ दिया। अभी उनके अंतिम संस्कार की तैयारी चल ही रही थी कि देवरानी की भी तबियत अचानक बिगड़ने लगी। जेठानी की मौत के सदमे से देवरानी ने भी छह घंटे के भीतर ही दम तोड़ दिया। दोनों के मौत की खबर फैलते ही घर पर ग्रामीणों की भीड़ जुट गयी। स्वजन रोने विलखने लगे। दोनों देवरानी जेठानी का शव जब घर से एक साथ उठा तो सबकी आंखें छलक पड़ी। आज के समय में भी ऐसा रिश्ता होना दुर्लभ है, ऐसे रिस्तो का होना किसी आश्चर्य से कम नही।
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