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उत्तर प्रदेश जौनपुर जिले के खेतासराय थाना क्षेत्र के स्थानीय बाज़ार में संचालित पंजाब नेशनल बैंक की शाखा के खाताधारकों के खाते से रुपये गबन के मामले में न्यायालय के आदेश पर डेढ़ वर्ष बाद बैंक कैशियर और एक अन्य के विरुद्ध गबन और धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है। अब पुलिस मामले की जांच-पड़ताल करने में जुटी हुई है।
बैंक के नियोजन सहायक (कैशियर) के पद पर 2019 से राकेश कुमार पुत्र रंजीत निवासी जागृति बिहार संजय नगर गाजियाबाद थाना कविनगर तैनात था। वहीं स्थानीय थाना क्षेत्र के शिवाकर उपाध्याय पुत्र मंगलदेव निवासी नौली, कलापुर बैंकमित्र के रूप में था। दोनों मिलकर फर्ज़ी प्रमाण-पत्र और कूटरचित तरीके से अपने सगे-सम्बन्धियों और चेहतों के खाते में उपभोक्ताओं का पैसा ट्रांसफर कर निकाल लेते, और आपस में बटवारा कर लेते थे।
आए-दिन खाताधारकों के खाते से पैसा गायब या काटने का मामला आता रहा, शाखा प्रबन्धक मनीष कुमार जायसवाल ने बताया कि उक्त दोनों से पूछताछ किया तो दोनों आनाकानी करने लगे और दिसम्बर 2022 में दोनों बैंक छोड़कर भाग गए, ऐसे में खताधारकों की शिकायत पर शाखा के 71 खाताधारकों के खाते से दोनों ने मिलकर लगभग बयासी लाख, छप्पन हज़ार रुपये गबन करके आपस मे बांट लिए है। जिससे खाताधारक बहुत परेशान थे और बैंक की साख में स्थानीय स्तर पर गिरावट आने लगी। दोनों के खिलाफ न्यायालय के आदेश पर स्थानीय थाना खेतासराय में कूटरचित तरीके से रुपये गबन, धोखाधड़ी समेत गम्भीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है। पुलिस मामले की जांच-पड़ताल कर रही है।
इतने बड़े गमन के बाद स्थानीय लोगों के गले से यह मामला नहीं उतर रहा है। ऐसा इसलिए कि जिसके कंधे पर बैंक का दारोमदार था वह इस तरह के मामले से कैसे अनभिज्ञ था ? लोगों में चर्चा है कि कमर्चारी बलि का बकरा तो नहीं बन गए। यदि ऐसा नहीं होता इतने दिनों से हो रहे गबन की शिकायत को गम्भीरता से शाखा प्रबन्धक ने क्यों नहीं लिया ? यदि एक दो शिकायत मिलने पर गम्भीरता से लिया होता तो शायद इतना लंबा फ्राड होने से बच जाता। लोगों का शाखा प्रबधंक पर भी शक पनप रहा है।
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