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एक समय ऐसा था जब लोग अच्छी सड़कों के लिए तरसते थे, सैकड़ो बार शिकायती तहरीर देने के बाद भी सड़कों के गड्ढे नहीं भरे जाते थे, बरसात के दिनों में एक से दो फुट पानी भरा रहता था,लोग परेशानियों का सामना करते थे। लेकिन जब अच्छी सुविधा व अच्छी सड़के मिलने लगी तो लोग अपने पुराने दिन भूल गए। करोड़ों रुपए की लागत से बनी सड़कों पर नदियां बह रही हैं। सड़कों पर पानी लगने की वजह से बीच-बीच में सड़के गढ्ढो में तब्दील हो गई है। बारिश हो जाने पर पानी भर जाता है और सड़कों पर पानी लग जाता है।
● यह मामला खुटहन थाना क्षेत्र के गौसपुर बाजार का है जहां करोड़ों की लागत से बनी सड़क नदी में तब्दील हो चुकी है, पानी बरसते ही सड़कों पर पानी भर जाता है,नाली की व्यवस्था न होने के कारण, हप्ता-महीना पानी सूखने में लग जाता है, जिसकी वजह से सड़क बीच में टूट चुकी है, अब इसके जिम्मेदार किसको कहा जाए ? , सड़क बनाने वाले लोगों को या बाजार में रहने वाले उन दुकानदारों या उन महलों में रहने वालों को। यदि उनको अपने पुराने दिन याद होते तो पानी निकलने की व्यवस्था जरूर कर देते। ऐसे लोग जिनके दरवाजों के सामने नदियों की तरह पानी बह रही हो और कपड़े उठाकर व चप्पल हाथ में लेकर अपना काम चला लेते हो, उनको क्या कहना। यदि चाहते तो पानी निकलने की व्यवस्था कर देते, लेकिन सड़क के किनारे पर मिट्टी लगी होने की वजह से पानी बाहर नहीं निकल पाता है और सड़क पर भरा रहता है। क्षेत्रीय पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों से इस बात की सूचना दी गई थी कि वहां के रहने वाले लोगों से पानी निकालने की व्यवस्था कराई जाए या उन पर कानूनी कार्यवाही की जाए लेकिन अधिकारियों ने कार्यवाही का आश्वासन देकर अभी तक मौके का जायजा तक नहीं लिए।
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