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जौनपुर (खेतासराय): मदरसा तहफीज-उल-कुरान मानी कलां में गुरुवार को आयोजित एक विशेष समारोह में कुरान की अहमियत और इस्लामी शिक्षाओं पर जोर दिया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मदरसा संचालक मौलाना अब्दुल्लाह हलीमी ने की, शुरुआत कारी तबरेज की तिलावत से हुई जिसके बाद मौलवी मुस्तैन ने नात पेश की।
समारोह में प्रमुख वक्ता हजरत मौलाना साकिब अयाज कासमी ने कहा कि कुरान के दुश्मन कयामत तक इसे मिटाने में कामयाब नहीं हो सकते, कुरान को नष्ट करने की कोशिशें की जा सकती हैं, लेकिन इसे याद रखने वालों के दिलों से कोई मिटा नहीं सकता। उन्होंने कहा कि कुरान के तीस पारे आज भी अक्षरशः लोगों के दिलों में सुरक्षित हैं। उन्होंने समाज में कुरान से दूर होने और इस कारण अपमानित होने की बात कही।
उन्होंने कहा, "आज इंसानियत हमारे दिलों से खत्म हो गई है। एक मुसलमान का दर्द पूरी उम्मत को महसूस होना चाहिए, लेकिन फिलिस्तीन जैसे मुद्दों पर हमारी चुप्पी दर्शाती है कि हम अपनी जिम्मेदारियों से दूर हो गए हैं।"
इसके बाद जमीयत उलेमा हिंद जौनपुर के अध्यक्ष हजरत मौलाना वसीम अहमद शेरवानी ने संबोधित किया। उन्होंने कहा, "जिन बच्चों के सिर पर दस्तार-ए-फज़ीलत (सम्मान की पगड़ी) बंधी है, वे दुनिया और उसकी हर चीज से बेहतर हैं। ये बच्चे अपने माता-पिता के लिए भी गर्व का कारण बनेंगे। सफलता का असली रास्ता कुरान की शिक्षा से होकर गुजरता है। जो लोग कुरान की शिक्षा देते हैं, उनका समर्थन करना हमारा कर्तव्य है।"
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