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रिपोर्ट-@मोहम्मद वाकिब (सह-संस्थापक)
जौनपुर न्यूज़ : प्रतिष्ठित धर्मगुरु मौलाना फ़ैसल ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव से नाराज़गी के चलते उर्दू भाषा को धर्म से जोड़कर कर निशाना साधा रहे है. लेकिन ऐसा करना बिल्कुल उचित नही है. उर्दू भारत में बोली जाने वाली भाषा है. यह किसी की जागीर नही है. उर्दू, हिन्दी और संस्कृति अल्फाज़ो का एक संगम है. भाषाओं पर सियासत ठीक नही है।
बता दें कि शुक्रवार को शाहगंज के नज़ीराबाद स्तिथ महादुल कुरान में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, उन्होंने कहा कि मदरसो में दी जाने वाली तालीम पर देश की जाँच एजेंसिया जाँच कर चुकी है । यहाँ सिर्फ़ इंसानियत का पाठ पढ़ाया जाता है. मदरसा बोर्ड पर सरकार की नीयत पहले से ठीक नही है, अब वक्फ़ बोर्ड को भी अपने अधीन कर लिया गया है. इतिहास गवाह है मुल्क़ को आज़ाद करने में सबसे ज़्यादा फाँसी के फन्दों पर उलेमाओं ने ही शहादत दी है।
मौलाना फ़ैसल ने सदन में मुख्यमंत्री के अभिभाषण पर सवाल उठाते हुए कहा कि महाराज योगी आदित्यनाथ के खुद ही कई अल्फ़ाज़ उर्दू के थे, एक तरफ़ प्रधानमंत्री मोदी अंतराष्ट्रीय स्तर पर मुहब्बत का पैगाम देने के लिए मुस्लिम राष्ट अध्यक्षों को गले लगा रहे है, जबकि अपने देश में नफ़रत की राजनीति को हवा दी जा रही है. बीजेपी से मुसलमानों के बैर के प्रश्न पर धर्मगुरु ने कहा कि मुसलमानों का झुकाव सभी सियासी पार्टियों पर है. महाकुंभ में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुँचने पर कहा कि प्रयागराज में मुसलमानों ने दुनिया के सामने दरियादिली दिखा चुके है. वार्ता में मौलाना राफे, अब्दुल मलिक, हाफ़िज़ अब्दुल्लाह,इकरमा, क़ासिम, महमूद समेत अन्य लोग शामिल रहे।
● आधा दर्जन छात्रों की दी गई हिफ्ज़ की डिग्री-
शाहगंज नगर के नजीराबाद स्तिथ महादुल कुरान में वार्षिक कार्यक्रम में जलसा का आयोजन हुआ, बड़ी संख्या में मौजूद उलेमाओ ने दीनी तालीम पर प्रकाश डाला, छात्रों ने नज़्म और गज़ल समेत भाषण प्रतियोगिता में हिस्सा लिया, इस मदरसे के आधा दर्जन हिफ्ज़ कण्ठस्थ छात्रों को उपाधि दी गई, जिसमें नोमान, उमैर, कैफ, जइम, फुरकान, अहमदउल्लाह, ओसामा छात्र शामिल रहे ।
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